देहरादून। ड्रोन डेस्टिनेशन और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम ने नई दिल्ली में एनएसटीसी पर एक अत्याधुनिक ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी, मरम्मत और रखरखाव, डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण, रिमोट पायलट प्रशिक्षण, और नई उम्र के स्पोर्ट ड्रोन सॉकर पर व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस केंद्र का फोकस कौशल विकास, रोजगार सृजन, और भारत में ड्रोन इकोसिस्टम को सशक्त बनाना होगा। ड्रोन डेस्टिनेशन और एनएसआईसी के बीच सहयोग ड्रोन तकनीक और एआई के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उन्नति लाने और ड्रोन सेक्टर में कुशल जनशक्ति की बढ़ती और विविध मांगों को पूरा करने के लिए एक भविष्य-तैयार कार्यबल विकसित करने के लिए तैयार है, विशेषकर डिजिटल कृषि, सर्वेक्षण और मानचित्रण, खनन, संपत्ति निरीक्षण, निगरानी और निरीक्षण, आपदा प्रबंधन और अन्य कई क्षेत्रों में।
ड्रोन डेस्टिनेशन के सीईओ, श्री चिराग शर्मा ने कहा की एनएसआईसी के साथ यह साझेदारी भारत में ड्रोन तकनीक को लोकतंत्रीकरण करने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। विशेषीकृत प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य व्यक्तियों और संगठनों को ड्रोन की पूरी संभावनाओं को उपयोग करने के लिए आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करना है। हम इन तकनीकी कौशल सुधारक पाठ्यक्रमों को भारत भर के 12 स्थानों पर पहले से ही उपलब्ध पायलट प्रशिक्षण प्रमाणन पाठ्यक्रम के अतिरिक्त लॉन्च कर रहे हैं। यह पहल भारत में बढ़ते ड्रोन इकोसिस्टम में कुशल और विशेषज्ञ कार्यबल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।”
कार्तिकेय सिन्हा, निदेशक, योजना और विपणन, एनएसआईसी ने जोड़ा, “एनएसआईसी विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है, और ड्रोन डेस्टिनेशन के साथ यह एमओयू हमारे लक्ष्यों के साथ पूरी तरह मेल खाता है। इस ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना एक गेम-चेंजर साबित होगी, विशेषकर तकनीक में आकांक्षी युवाओं और महिलाओं के लिए। व्यक्तियों को आवश्यक कौशल से लैस करके, हम एक अधिक प्रौद्योगिकी-सक्षम और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रास्ता बना रहे हैं।” केंद्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एनएसआईसी तकनीकी कौशल केंद्रों पर क्रमिक रूप से पेश किया जाएगा, जिससे अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी शिक्षा तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। यह पहल कौशल विकास और रोजगार के लिए कई अवसर उत्पन्न करेगी, जिससे ड्रोन क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।