नैनीताल 28 मई। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा है कि उत्तराखंड में मौन पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। मौन पालन के प्रति लोगों प्रोत्साहित करने और उन्हें इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया जाना जरूरी है। राज्यपाल ने कहा की मौन पालन आजीविका का बड़ा साधन बन सकता है। इसके उत्पादन से जहां आर्थिकी में बढ़ोत्तरी होगी वहीं यह रोजगार के लिए भी महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा की मौन पालन के क्षेत्र में महिलाओं, युवाओं को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है।
मंगलवार को राजभवन में गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान और निदेशक शोध अजीत नैन से बैठक करते हुए राज्यपाल ने बताया कि मौन पालन के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राजभवन नैनीताल में 31 मई को ‘‘हनी उत्सव’’ का आयोजन किया जाएगा। गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित इस उत्सव में वैज्ञानिकों द्वारा शहद उत्पादन की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के शहद की वैरायटी का प्रदर्शन और शहद उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि शहद उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाई जाने की जरूरत है इसके लिए विश्वविद्यालय लीड लें और किसानों को मौन पालन के लिए प्रेरित करे। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शोध से लोगों को लाभान्वित करे।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा मौन पालन के क्षेत्र में रिचर्स किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में शहद उत्पादन के क्षेत्र में काफी अधिक संभावनाएं है और यहां 40 हज़ार टन तक के उत्पादन की क्षमता है। इसके साथ-साथ उत्तराखंड में प्रत्येक मौसम में अलग-अलग वैरायटी का शहद उत्पादन भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा शहद उत्पादन के क्षेत्र में स्लोवेनिया से एमओयू किया गया है जिसमें उत्तराखंड और स्लोवेनिया मौन पालन के क्षेत्र में बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि मौन पालन हेतु विश्वविद्यालय में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं जो मुख्य रूप से महिलाओं और युवाओं को मौन पालन के लिए प्रशिक्षित करेंगे।