ओडिशा,18 अप्रैल। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज़ मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने प्रदर्शन किया उम्मीद के मुताबिक। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी। मिसाइल की उड़ान पर भारतीय वायुसेना के Su-30-Mk-I विमान से भी नजर रखी गई। मिसाइल ने वे पॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके वांछित पथ का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री-स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया।
इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई), बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया है। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है। मिसाइल को अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) द्वारा विकसित किया गया है। इस परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ उत्पादन भागीदार के प्रतिनिधियों ने भी देखा।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आईटीसीएम के सफल उड़ान-परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है और कहा है कि स्वदेशी प्रणोदन द्वारा संचालित स्वदेशी लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने आईटीसीएम लॉन्च के सफल आयोजन पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी।