हरिद्वार । गुरुपूर्णिमा के पूर्व संध्या में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि सद्गुरु की कृपा से ही शिष्य पूर्णता को प्राप्त करता है। सद्गुरु पूर्ण पुरुष होते हैं। इसलिए हमें सदैव पूर्णता को ही वरण करना चाहिए। इस युग में युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी पूर्ण पुरुष के रूप में अवतरित हुए हैं। युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने गुरुपूर्णिमा पर गुरु के निर्देशों को अनुपालन करने के लिए प्रेरित किया। वहीं संगीत विभाग के भाइयों ने ‘शिष्यों का गुरु को समर्पण’ तथा ‘न सोचो अकेली किरण क्या करेगी’ प्रज्ञागीत से उपस्थित साधकों के मनोभाव को उल्लसित कर दिया।
तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा महापर्व के दूसरे दिन गायत्री तीर्थ शांतिकुंजवासी और देश विदेश से आये हजारों कार्यकर्त्ताओं ने भव्य प्रभात फेरी निकाली गयी। प्रभात फेरी को वैदिक कर्मकाण्ड के साथ पूजन कर रवाना किया। शंख, मंजिरा एवं बैण्ड धुन आदि वाद्ययंत्रों ने धुनों ने लोगों के उत्साह को कई गुना कर दिया। प्रभात फेरी शांतिकुंंज के गेट नं. तीन से निकली और हरिपुर कलां में गुरु की महानता का अलख जगाते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। जहाँ प्रज्ञेश्वर महादेव की परिक्रमा के बाद वापस शांतिकुंज लौट आयी। शांतिकुंज पहुँचने पर शोभायात्रा का कन्याओं ने आरती कर स्वागत किया। पावन गुरुसत्ता की पावन समाधि के पास शोभायात्रा का समापन हुआ।
इस अवसर पर हजारों शिष्यों ने अपने आराध्य-सद्गुरु पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री केसंकल्पनाओं को पूरा करने की शपथ ली। श्री श्यामबिहारी दुबे ने अपनी संकीर्णता से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए आवाहन किया।शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महापर्व का मुख्य कार्यक्रम 21 जुलाई को होगा। गुरु महापर्व के अवसर पर प्रातःकालीन सभा में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं स्नेह सलिला श्रद्धेया शैलदीदी गायत्री महामंत्र की दीक्षा देंगे, तो वहीं विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।