आचार संहिता हटने के पश्चात फिर शुरू होगी डीयू में नियुक्तियों की प्रक्रिया: कुलपति
नई दिल्ली, 28 मार्च। दिल्ली विश्वविद्यालय कोर्ट की 91 वीं वार्षिक बैठक का आयोजन गुरुवार, 28 मार्च को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज स्थित कोन्वेंशन हाल में आयोजित इस बैठक में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय की साल भर की गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। कुलपति ने सालभर में हुई नियुक्तियों की आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि अभी तक कुल 4556 शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं। लोकसभा चुनावों के कारण अभी नियुक्ति प्रक्रिया को रोका गया है। आदर्श चुनाव आचार संहिता के हटने के पश्चात बाकी रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।
बैठक के दौरान डीयू रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने एजेंडा प्रस्तुत करते हुए 29 मार्च, 2023 को आयोजित कोर्ट की 90 वीं वार्षिक बैठक के मिनट्स की पुष्टि की और इन मिनिट्स पर एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसके पश्चात दिल्ली विश्वविद्यालय के कोषाध्यक्ष नवल किशोर ने कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित 2023-24 और 2024-25 के वित्तीय अनुमान प्रस्तुत किए। बैठक के दौरान कई कोर्ट सदस्यों ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता और कोषाध्यक्ष नवल किशोर सहित डीयू कोर्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय की 100 वीं वार्षिक रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि यह रिपोर्ट बहुत ही अहम है। प्रत्येक व्यक्ति को इसे गहनता से देखना चाहिए। कुलपति ने पिछले एक वर्ष की गतिविधियां गिनवाते हुए बताया कि इस एक वर्ष में विश्वविद्यालय कोर्ट की एक बैठक, कार्यकारी परिषद की 6 बैठकें, अकादमिक परिषद की 5 बैठकें, वित्त समिति की 3 बैठकें, अकादमिक मामलों पर स्टैंडिंग कमेटी की 8 बैठकें और विद्यार्थियों पर स्टेंडिंग कमेटी की 5 बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा कि वैधानिक निकायों की ऐसी नियमित बैठकें विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे की जीवंतता को दर्शाती हैं।
कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस एक वर्ष में अपनी रैंकिंग में भी काफी सुधार किया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (सस्टेनेबिलिटी 2024) में दिल्ली विश्वविद्यालय को 73.4 के समग्र स्कोर के साथ भारत में पहला और वैश्विक स्तर पर 220 वां स्थान दिया गया है। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि आगामी वर्ष में दिल्ली विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अपनी रैंकिंग में और सुधार करने का प्रयास करेगा।
कुलपति ने गत वर्ष में दिल्ली विश्वविद्यालय के दाखिलों संबान्धित आंकड़े सांझा करते हुए बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान डीयू में कुल 69622 विद्यार्थियों ने यूजीऔर 11174 विद्यार्थियों ने पीजी में दाखिला लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य विभिन्न विषयों में भी दाखिलों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कुलपति ने बताया कि पीएचडी में प्रवेश के लिए पहले और दूसरे चरण में कुल 19899 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था जिनमें से प्रवेश के पहले और दूसरे चरण में कुल 1655 विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है। विज्ञान संकाय में विभागों के लिए तीसरा चरण 26 मार्च को शुरू किया गया है। उन्होंने विभागाध्यक्षों और प्रिंसिपलों से आह्वान किया कि पीएचडी में विद्यार्थियों की संख्या को और बढ़ाया जाए इससे विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
विश्वविद्यालय के पास नहीं है पूंजी की कमी: प्रो. योगेश
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने डीयू कोर्ट की बैठक के दौरान फंडिंग के विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के पास पूंजी की कोई कमी नहीं है। नए कार्यों के लिए पर्याप्त पूंजी है। उन्होंने बताया कि जीआईए के तहत 778.39 करोड़ रुपए 2023-24 के लिए आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही इनफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट के लिए ईडबल्यूएस के अंतर्गत 32.83 करोड़ रुपए भी आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने 7 परियोजनाओं के लिए एचईएफए (HEFA) से 938.33 करोड़ रुपये की फंडिंग को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत अभी विश्वविद्यालय ने 261.33 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं की मंजूरी के लिए एचईएफए को आवेदन किया है। कुलपति ने बताया कि विद्यार्थियों की फीस से अब तक 231.55 करोड़ रुपये एकत्र हुए हैं। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों और कामकाजी महिलाओं के लिए 1000 बिस्तर की आवासीय सुविधाओं के निर्माण हेतु निर्भया फंड के तहत 272 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है।