नायब सिंह सैनी ने ली पद एवं गोपनीयता की शपथ
चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूट गया है। मंगलवार को दिन चढ़ते ही प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हुईं जो दोपहर होते होते एक सियासी भूचाल में बदल गई। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद मनोहर लाल ने पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया। चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद सीएम अपने मंत्रिमंडल के साथ राजभवन पहुंचे और पूरी कैबिनेट का इस्तीफा सौंपा।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नायब सिंह सैनी के रूप में हरियाणा को अपना नया सीएम मिला। कंवर पाल गुर्जर ने मंत्री पद की शपथ ली। वे मनोहर लाल मंत्रिमंडल में भी शिक्षा मंत्री थे। मूलचंद शर्मा भी मंत्री पद की शपथ ली। कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सैनी को हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद उनके समर्थकों ने कुरूक्षेत्र में जश्न मनाया।
वहीं दिल्ली में जननायक जनता पार्टी की आपात बैठक आयोजित की गई। जजपा के हरियाणा अध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि आज की बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। यह निर्णय लिया गया है कि बुधवार को हिसार में ‘नव संकल्प’ रैली आयोजित की जाएगी और पार्टी ने जो भी बातें तय की हैं, उसकी जानकारी वहां दी जाएगी।
कैसे हासिल होगा बहुमत :-
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं। जजपा के पास 10 विधायक हैं। वहीं सात निर्दलीय भी भाजपा के साथ हैं। ऐसे में सरकार पर कोई संकट नहीं है। कांग्रेस के 30 और इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक के अलावा सात निर्दलीय विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है। जजपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा के पास अपने 41, सात निर्दलीयों और एक हलोपा विधायक का समर्थन है। वहीं सूत्रों के अनुसार, जजपा के कुछ विधायक भी भाजपा के साथ आ सकते हैं।
सीट बंटवारा बना गठबंधन टूटने का कारण :-
गठबंधन टूटने का बड़ा कारण लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा बना। जजपा ने हरियाणा की 10 सीटों में से 2 की मांग की थी लेकिन भाजपा को ये मंजूर नहीं था। सूत्रों के अनुसार, भाजपा हरियाणा की सभी दसों सीट पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर चुकी है। इसमें हर सीट से तीन से चार उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। पीएम मोदी को टिकटों पर अंतिम मुहर लगानी है।