चंडीगढ़। पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी पर गारंटी, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई मांगों पर अड़े हैं। उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए हरियाणा में सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम किये गये थे। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि लगभग 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर पहुंचे हुए हैं, किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं, ड्रोन के जरिए हमारे खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है। विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती। शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा हरियाणा पुलिस पर पथराव किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है, ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
लगभग ढ़ाई बजे नरवाना के साथ लगती पंजाब सीमा पर भी पुलिस व किसानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। पंंजाब की तरफ बॉर्डर पर पुलिस द्वारा सड़क के बीच में गाड़ी गई कील किसान निकाले लगे ताे पुलिस ने आसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए और वाटर कैनन से पानी की बारिश करनी शुरू कर दी। एक बार तो किसान पीछे हट गए लेकिन फिर से सड़क पर आ डटे और कील निकालने का काम शुरू कर दिया। फिर से पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए। काफी संख्या में हरियाणा के किसान भी पंजाब की तरफ पहुंच गए और पंजाब से बाइकों पर आए किसानों का साथ देने लग गए। मौके पर भारी संख्या में किसान मौजूद हैं। किसानों की संख्या कम होने के कारण अब किसान पीछे हट गए हैं।
शंभू बॉर्डर पर पुल के दोनों तरफ लगाई लोहे की रेलिंग को किसानों ने तोड़ दिया है। आंसू गैस के कारण कुछ लोगों को चोटें आई हैं। वहीं चार पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। सभी को सिटी सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
किसानों की प्रमुख मांगें :-
स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग।
किसानों और खेत मजदूरों की कर्ज माफी की मांग।
लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग।
लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग।
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग।
पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी।
200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले।
700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग।
फसल बीमा सरकार खुद करे।
किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले।
विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए।