देहरादून। आठ फरवरी को बनभूलपुरा के मलिक के बगीचा से लेकर थाने तक जो हुआ है, वह कभी नहीं भुलाया जा सकता। बनभूलपुरा थाने में हर तरफ आग, धुआं और हमलावर भीड़ का शोर था, तो वहीं मलिक के बगीचा और आसपास के इलाके में पुलिसकर्मी पर पत्थर बरसाते उपद्रवी थे। इन विषम परिस्थितियों में भी पुलिस और प्रशासन ने हालात पर काबू पा लिया।
कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम एपी वाजपेयी का कहना है कि हल्द्वानी में यह मंजर देखना पड़ेगा, कभी सोचा नहीं था। हर तरफ आग, धुआं और अंधेरा था। आग जब ग्राउंड फ्लोर की तरफ फैल गई, तो हम दूसरी मंजिल पर पहुंच गए। इसी बीच थाने के पीछे की तरफ से दीवार को तोड़कर भी उपद्रवी घुसने की कोशिश करने लगे। सभी की जान संकट में थी, इन स्थितियों के बीच सभी को हौंसला बनाए रखना था। इसके अलावा मौजूद कर्मियों को हिम्मत भी बंधानी थी। पर करीब डेढ़ घंटे तक यह स्थिति रही। इसी बीच उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत भी कराते रहे। थाने के आगे जो आग लगी थी, उसके कारण भी वे अंदर नहीं आ सके। इसी बीच पहुंची पुलिस, प्रशासन की टीम ने मोर्चा संभाला और उपद्रवियों को खदेड़कर हालात पर काबू पाया।
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विरोध शुरू हो गया। लोगों को समझाने की कोशिश की गई। पर पुलिस ने बल प्रयोग नहीं किया। इस बीच पथराव तेज होने लगा। कर्मियों ने हिम्मत नहीं हारी, वे अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करते रहे। लोगों को समझाने का प्रयास किया गया कि वे कानून को हाथ में ले रहे हैं, यह गलत है। पथराव के बीच बार- बार लोगों का समझाने का प्रयास किया गया। इसी बीच कई पुलिस और निगम कर्मी घायल हो गए। कई पत्थर उन्हें आकर लगे। रास्ते में वाहनों में आग लगा दी गई थी, कार्रवाई वाले स्थल से जैसे ही टीम को लेकर निकले तभी थाने को घेरने और आगजनी की सूचना मिली। इसके बाद वहां पर पहुंची। इसके बाद पुलिस, प्रशासन ने वहां के हालात को देखते हुए सख्त कदम उठाने का फैसला किया।
बनभूलपुरा थाने में आग लगने के बाद एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा को जब पता चला कि बनभूलपुरा थाने में मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मी फंसे हैं। साथ ही उन्हें पता चला कि मलिक के बगीचे के आसपास कई पुलिसकर्मी पीछे छूट गए हैं और इन्होंने घरों में पनाह ली है तो एसएसपी ने मजिस्ट्रेट को पैरों पर गोली चलाने के आदेश जारी करने को कहा। बोले- मैडम मेरा एक-एक जवान मेरी संपत्ति है। उपद्रवी पूरी तरह बेकाबू हो गए हैं। अपने जवानों को बचाने के लिए पैरों में गोली चलाने के आदेश तुरंत जारी कीजिए। इसके करीब 15 मिनट बाद वायरलेस पर मजिस्ट्रेट ने उपद्रवियों के पैरों पर गोली चलाने के आदेश जारी किए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पांच लड़के पेट्रोल बम बना रहे थे और गलियों से पुलिस के वाहनों पर फेंक रहे थे। इस दौरान मुखानी एसओ की गाड़ी में एक पेट्रोल बम आकर गिरा और गाड़ी में आग लग गई। पुलिस कर्मी गाड़ी छोड़कर भागे। दूसरा पेट्रोल बम उपद्रवियों ने पुलिस की पीसीआर पर फेंका, जिससे पुलिस की पीसीआर वैन में आग लग गई।