मैनपुरी 05 फरवरी, 2024- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने काला गेहूं-कुपोषण मुक्त व आय वृद्धि का आधार के नवाचार के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में काले गेहूं का उत्पादन करने वाले कृषकों, फ्लोर मिलर्स, कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों को बधाई देते हुये कहा कि जनपद के प्रगतिशील किसानों के कारण ही जनपद का चयन भारत सरकार की नीति आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली नीति वाली श्रृंखला में शामिल हुआ है यदि नीति आयोग द्वारा काले गेहूं को शासकीय रूप से मान्यता प्रदान की गयी तो जनपद का गौरव बढ़ेगा, जनपद काले गेहूं की उत्पादकता से पहचाना जायेगा, यहां के किसानों का उत्साहवर्धन होगा साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति, आय में वृद्धि होगी। उन्होने बैठक में उपस्थित एफ.पी.ओ. के पदाधिकारियों, प्रगतिशील कृषकों का आव्हान करते हुये कहा कि जनपद के कृषक काले गेहूं की खेती को बढ़ावा दें, काले गेहूं की खेती करने से सामान्य गेहूं की तुलना में लगभग 02 गुना फायदा होगा, जिला प्रशासन काले गेहूं की बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, किसानों को उत्पादित किये गये काले गेहूं की बिक्री में कोई असुविधा नहीं होगी, जनपद के फ्लोर मिलर्स से खरीद कराकर आटे की बिक्री करायी जायेगी, सहकारी समितियों से अन्य कृषकों को काले गेहूं को बीज के रूप में बिक्री की व्यवस्था होगी, आवश्यकता पड़ने पर जनपद के कोटा डीलर्स के माध्यम से बिक्री की व्यवस्था करायी जायेगी।
श्री सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के प्रगतिशील किसानों, एफ.पी.ओ. के संगठनों को काले गेहूं के उत्पादन से जोड़ा जाए, जो भी प्रगतिशील किसान, एफ.पी.ओ. काला गेहूं उत्पादन के इच्छुक हों, उन्हें बीज की उपलब्धता सहित अन्य सभी सुविधाएं कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं, किसानों के साथ-साथ आम लोगों को काले गेहूं के फायदों के बारे में जानकारी दी जाये, काले गेहूं की बिक्री की व्यवस्था करायी जाये, फ्लोर मिलर्स से समन्वय स्थापित कर जनपद मे उत्पादित काले गेहूं की ब्राण्डिंग कराकर देश में पहचान दिलायी जाये। उन्होने कहा कि काला गेहूं स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि के रूप में कार्य करेगा, काला गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर, फॉस्फेट, सिलेनियम, जिंक, कैल्शियम, ऑयरन, पोटेशियम सहित अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, यह ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, नये ऊतक के निर्माण, एनीमिया, कॉलेस्ट्रोल आदि बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक है।
जिलाधिकारी ने कहा कि श्री अन्न में काले गेहूं को भी शामिल कराने का प्रयास होगा, श्री अन्न औषधि है, हमारे पूर्वजों ने अनेक प्रकार के पदार्थों को खेती, भोजन में अपनाया इसमें रागी, सांवा, कौणी, चीना, रामदाना, बाजरा, ओंगल, तिल, अलसी, जौ, मक्की और कई प्रकार की दालों को अपने खाने में शामिल किया और वह लंबे समय तक स्वस्थ, निःरोगी रहे, आज हम सबको मोटे अनाज को अपने खाने में शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि मोटा अनाज ग्लूटेन मुक्त होता है, श्री अन्न, काला गेहूं मधुमेह, वजन घटाने में सहायक होता है, मोटा अनाज मधुमेह को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में काफी सहायक है, काले गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फायबर, फॉस्फेट, सिलेनियम, जिंक, कैल्शियम, ऑयरन, पुटेशियम सहित अनेक प्रकार के पोषक तत्व समाहित हैं, काला गेहूं पौष्टिक रूप से काफी बेहतर है।
प्रगतिशील कृषक मेघ सिंह, धर्मेन्द्र, देशराज सहित अन्य कृषकों ने काले गेहंू के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि काला गेहूं सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक मुनाफे की खेती है, 03 बीघा में 17 कुंतल तक काले गेहूं की पैदावार प्राप्त की है, काला गेहूं सामान्य गेहूं की तुलना में बाजार में दोगुनी दर पर बिक रहा है, बीज में भी सामान्य गेहूं की अपेक्षा 50 प्रतिशत बीज का ही प्रयोग होता है, सामान्य गेहूं की बुवाई करने पर 01 बीघा में 12-13 किलो गेहूं बीज की आवश्यकता होती है, जबकि काले गेहूं की 01 बीघा में बुवाई पर मात्र 05-06 किलो बीज की आवश्यकता होती है। बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, उप कृषि निदेशक नरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी उदित नारायण, उपायुक्त उद्योग उत्कर्ष चन्द, कृषि वैज्ञानिक विकास रंजन चौधरी के अलावा फ्लोर मिलर्स, प्रगतिशील कृषक आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने किया। (अंकित शुक्ला)