देहरादून। ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान कायरना हरकतें कर रहा है। इस बीच बदरीनाथ धाम में सेना के
जवानों और पीएम मोदी के लिए हवन, पूजा-अर्चना की गई। श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के द्वारा
आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के साथ भारत की तीनों सेनाओं के वीर सपूतों एवं प्रधानमंत्री मोदी को शक्ति प्रदान
करने के लिए प्रार्थना की गई। पंचायत द्वारा भगवान श्री बदरी विशाल के यहां विशिष्ट पूजा-अर्चना कर हवन की
आहुतियां दी गई। ऐसे समय में भारत के तीनों सेनाओं के वीर सपूतों रणबाकुरों एवं प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री
को अद्भुत शक्ति प्रदान करने के लिए भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना की गई।
जून से पूरे राज्य में राशन वितरण की बायोमीट्रिक व्यवस्था लागू होगी
देहरादून। जून से प्रदेशभर में राशन का वितरण बायोमीट्रिक ई-पॉस मशीनों से होगा। इसके लिए लगातार मशीनों का
वितरण करने के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। फिलहाल राज्य के पांच जिलों में ई-पॉस के जरिये राशन
वितरण की व्यवस्था बनाई जा रही है। खाद्य आयुक्त कार्यालय की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी हुए हैं कि जून से बाकी आठ
जनपदों में भी नई व्यवस्था लागू कर दी जाए। निर्देश में खाद्य आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल ने राशन विक्रेताओं की मांगों को
भी ध्यान में रखा है। उन्होंने बताया कि राशन वितरण में वर्तमान में आ रही कुछ परेशानियां और ई-पॉस मशीनों के
इस्तेमाल में सरकारी राशन विक्रेताओं के अभ्यस्त होने की उम्मीद में कुछ रियायत भी दी गई है, जिसके तहत ऑनलाइन
राशन वितरण की व्यवस्था 30 सितंबर तक प्रभावी रखी जा रही है। इस बीच किसी भी सूरत में ऑफलाइन या मैनुअल
खाद्यान्न का वितरण नहीं होगा। खाद्य आयुक्त ने बताया कि बीते अप्रैल से जनपद हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में ई-पॉस
मशीनों के माध्यम से ऑनलाइन राशन वितरण किया जा रहा है। दूसरे चरण में मई से रूद्रप्रयाग, देहरादून और बागेश्वर
में ई-पॉस मशीनें दी जा रही हैं। अब, तीसरा और अंतिम चरण जून से निर्धारित है, जब शेष जनपदों को शामिल करके
समस्त राज्य में शतप्रतिशत ई-पॉस के माध्यम से राशन वितरण किया जाएगा। आयुक्त सेमवाल ने बताया कि ई-पॉस
व्यवस्था के संबंध में जनप्रतिनिधियों के अलावा ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फैडरेशन व अन्य प्रतिनिधियों से
प्राप्त पत्रों व सुझावों का गहनता से परीक्षण किया गया। इसके बाद तय किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और राज्य
खाद्य योजना के तहत ई-पॉस के माध्यम से शतप्रतिशत बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन वितरण किया
जाएगा। सिर्फ विषम परिस्थितियों जैसे असाध्य रोग, विकलांगता, अत्यधिक उम्र व अन्य मामलों में राशनकार्ड नंबर दर्ज
कर ऑनलाइन खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। अपर आयुक्त पीसी पांगती के अनुसार दूसरे चरण के तहत 1800 से
अधिक ई-पॉस मशीनों का वितरण किया जा रहा है।
साइबर हमले की आशंका, उत्तराखंड में साइबर कमांडो सक्रिय
देहरादून। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच साइबर हमले की आशंका को देखते हुए एसटीएफ ने अपने साइबर कमांडो को
सक्रिय कर दिया है। साथ ही एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कि हर प्रकार की वेब गतिविधियों पर नजर रख
रही है। एसटीएफ की ओर से प्रदेशवासियों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसमें लोगों को ऐसे माहौल में
क्या सावधानी बरतनी चाहिए इन सब बातों को बताया गया है। बता दें कि पाकिस्तान से तनाव के बीच साइबर हमले
की भी बातें हो रही हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह के लिंक आदि की चर्चाएं भी आम हैं। ऐसे में आशंका इस बात की है
कि दुश्मन अपने हैकर्स की मदद से सरकारी वेब सिस्टम पर हमला कर सकता है। ऐसे में डीजीपी दीपम सेठ ने एसटीएफ
को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में एसटीएफ ने पिछले दिनों शामिल किए गए चार साइबर कमांडो
को इस निगरानी तंत्र की जिम्मेदारी दी है। साइबर कमांडो के साथ इस टीम में 10 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों
को भी तैनात किया गया है। ये सभी जागरूकता से लेकर हर संभावित हमले को नाकाम करने के लिए काम करेंगे। इसके
लिए बृहस्पतिवार शाम को एसटीएफ कार्यालय में हुई बैठक में पूरी टीम को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर मौजूद ऐसे सभी वेब पेज को ब्लॉक किया जा रहा है, जो संदिग्ध हैं। इसके अलावा लालच और कमाई
वाले लिंक और पेज को भी बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल अक्तूबर में प्रदेश का वेब सिस्टम साइबर हमला
झेल चुका है। कई दिनों तक सभी सरकारी वेबसाइट को इस हमले के बाद बंद रखा गया था। कुछ सरकारी पोर्टलों का
डाटा भी चोरी हुआ था। इसकी भी एसटीएफ और साइबर पुलिस जांच कर रही है। उस वक्त यह हमला भी विदेश से
प्रायोजित ही बताया गया था। फिलहाल पूरा सिस्टम पहले से अधिक मजबूती और सुरक्षा उपायों के साथ चालू है, लेकिन
हमले की आशंका को देखते हुए एहतियातन निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है।
पिछले दिनों देश में साइबर कमांडो फोर्स गठित करने के लिए सभी प्रदेशों के पुलिसकर्मियों के लिए गृह मंत्रालय की ओर
से एक परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें फिलहाल चार साइबर कमांडो उत्तराखंड पुलिस के भी तैयार हुए हैं। इन्हें देश
के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित किया गया है। इनमें आईआईटी, फोरेंसिक यूनिवर्सिटी आदि संस्थान शामिल हैं।
इस परीक्षा में दो साइबर कमांडो ने पूरे देश में शीर्ष 10 में स्थान पाया था।
एसटीएफ की एडवाइजरी
क्या करें..
– केवल अधिकारिक जानकारी साझा करें : केवल सरकारी स्रोतों, अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और मान्यता प्राप्त
एजेंसियों से प्राप्त सूचना ही साझा करें।
– समाचार के तथ्यों की जांच : किसी भी फोटो, वीडियो या समाचार को साझा करने से पहले उसकी पुष्टि सरकारी स्रोतों
से करें।
– फर्जी खबरों की रिपोर्ट : संदिग्ध पोस्ट या अकाउंट की रिपोर्ट तत्काल साइबर हेल्पलाइन और संबंधित एजेंसियों को
करें।
– सोचें, फिर पोस्ट करें : कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसके प्रभाव पर जरूर विचार करें। इसके बाद ही उसे आगे प्रसारित
करें।
क्या न करें…
– सेना की गतिविधियों या तैनाती की जानकारी साझा न करें।
– असत्यापित या भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित न करें : इससे आप अनजाने में फेक न्यूज फैलाने में दुश्मन की मदद कर सकते
हैं।
– अनजाने बैंक खाते : तनाव का समय है, इसका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। ऐसे में कोई सरकार की मदद के
लिए बैंक खाता प्रसारित हो तो उसकी जांच कर लें। तभी आगे कदम बढ़ाएं।
– अनजाने ईमेल लिंक और अटैचमेंट : इस तरह के लिंक और ईमेल में वायरस या स्पाईवेयर (जासूसी) हो सकता है।
– कोई भी गलत एप डाउनलोड न करें : अनाधिकृत स्रोतों से कोई भी एप डाउनलोड न करें।
सेना के जवानों और पीएम मोदी के लिए हुई विशेष पूजा-अर्चना

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