देहरादून। रिस्पना नदी देहरादून शहर के बीचों बीच निकलती है उत्तराखंड राज्य के महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी मसूरी पर्वतीय क्षेत्रों से निकल कर बिंदाल नदी से जुड़कर राजाजी नेशनल पार्क होती हुई अंततः गंगा नदी मे मिलती है। इसका पानी शहर के लोगों के पेयजल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त, रिस्पन्ना नदी का साफ़ और स्वच्छ रखना भी पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, नदी के किनारे की सफाई और जागरूकता कार्यक्रम इसकी महत्वपूर्ण पहलों में से एक है। यह नदी अब अपना अस्तित्व खो चुकी है और अब गंदे नाले का रूप लेती जा रही है। इसको साफ़ करने का अभियान विगत 29 फरवरी 2024 से निरंतर चलाया गया है जिसे आज कई संगठनों ने साथ आकर आज एक वृहद सफाई आंदोलन का रूप दिया। वेस्ट वॉरियर्स संस्था, ईको ग्रुप सोसायटी, संयुक्त नागरिक संगठन, सिटीज़न्स फॉर ग्रीन दून, नगर निगम और देहरादून के कई जागरूक नागरिकों द्वारा आज एकजुट होकर रिस्पना नदी के किनारे की सफाई की गई।
आज के इस कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय विद्यालय, नहरुग्राम -राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), भारत स्काउट एंड गाइड सेंट एग्नेस इंटर कॉलेज और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) देहरादून के 100 छात्र छात्राओं ने भाग लेकर नदी के सफाई में परिश्रम कर अपना बहुमूल्य योगदान किया। श्रीमति प्रतिभा पाठक, प्रधानाचार्य, एसजीआरआर, नहरुग्राम, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार रावत जिला स्काउट सचिव अजय शेखर बहुगुणा व विद्यालय प्रधानाचार्य कुमारी शालिनी रावत द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए सेंट एग्नेस इंटर कॉलेज, श्री गुरु राम राय विद्यालय, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं स्काउट एंड गाइड बच्चो को सफाई अभियान हेतु रवाना किया। स्काउट दल, विद्यालय स्काउट मास्टर मुकेश रावत के साथ नेशविला रोड होते हुए राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड पहुंचा वहां से रिस्पना नदी पहुंचे। सभी के साथ मिलकर उन्होंने रिस्पना में स्वच्छता अभियान किया, साथ ही साथ रिसपन नदी के तट पर बसे लोगों को रिस्पना में कूड़ा ना फेंकने का अनुरोध किया तथा रिस्पना की स्वच्छता के लिए जागरूक किया। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज को पर्यावरण संरक्षण में जागरूक करने में मदद करेगा। इस प्रकार की पहल से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और साथ ही नदियों की स्वच्छता में निसंदेह सुधार आएगा।
इस अभियान में 700 किलो सुखा प्लास्टिक कचरा को नदी में से एकत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण रहा। यह नदी के प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा और पर्यावरण को स्वस्थ रखने में सहायक होगा। इस प्रकार के पहलों से कूड़े के प्रति सामाजिक सोच बदलने और पर्यावरण संरक्षण में लोगों की भागीदारी में वृद्धि होती है। बच्चों द्वारा रैली निकालकर लोगों को जागरूक करने की एक अद्भुत पहल की गई। यह न सिर्फ बच्चों की भागीदारी को बढ़ाता है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाता है। बच्चों के माध्यम से संदेश पहुंचाना विशेष रूप से प्रभावी होता है क्योंकि यह लोगों को अधिक विचार करने पर मजबूर करता है। इस प्रकार की पहल से जागरूकता बढ़ती है और लोग पर्यावरण संरक्षण में अधिक सक्रिय होते हैं।
इस अवसर पर रिस्पना के संदर्भ में एक दीवार पर चित्रकला का कार्य भी शुरू किया जिसे देहारादून की प्रसिद्ध चित्रकार वन्दिता श्रीवास्तव द्वारा बनाया जा रहा है। आज के इस सफाई अभियान मे नवीन कुमार सडाना, आशीष गर्ग, सुशिल कुमार त्यागी, युवराज, अनीश, रुचि, भारत शर्मा, प्रधानाचार्य श्रीमती प्रतिभा पाठक, मेंदीरत्ता, अनिल कुमार मेहता, ऋषि पाल, आशीष नेगी, मनीष जैन, मनीष दुबे, दिनेश त्यागी, नीना रावत, अभिषेक विश्नोई, अवधेश, कुमारी गंगा इत्यादि ने भाग लिया। छात्र छात्राओं के साथ सीपी ढंदरियाल, श्रीमति मीनाक्षी देवली, श्रीमती कविता सिंह का भी सरहनीय योगदान रहा।