पंचकर्म चिकित्सा पद्धति की विशिष्टता : राज्यपाल
देहरादून 28 फरवरी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन परिसर में ‘‘राजभवन आरोग्यधाम’’ का उद्घाटन किया। आरोग्यधाम में पंचकर्म, मर्म चिकित्सा, फिजियोथेरेपी केंद्र शामिल हैं। शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से लोगों को परंपरागत और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों का लाभ मिलेगा। इस आरोग्यधाम में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जिसका लाभ राजभवन परिसर के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं उनके परिजन ले सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि पंचकर्म चिकित्सा पद्धति की विशिष्टता है कि जो रोग अन्य औषधियों से उपचारित नहीं हो पाते, वे रोग पंचकर्म से सहजता से ठीक किए जा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों द्वारा आयुर्वेद का यह जीवनोपयोगी उपहार हमें दिया गया है। आज इनके महत्व को समझते हुए वैश्विक स्तर पर भी योग एवं आयुर्वेद को बड़े पैमाने पर अपनाये जाने लगा है, हम भी इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क दोनों प्राप्त कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आरोग्यधाम को बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है इसके लिए उन्होंने अधिकारियों की सराहना की। उद्घाटन कार्यक्रम में पंचकर्म के सहभागियों ने रुक्ष पोटली स्वेद, पत्र पोटली स्वेद, जामबीर पोटली स्वेद, षष्टिकशाली पोटली स्वेद, जानु बस्ती, अग्निकर्म शलाका, जलोका वचारण, कपिंग चिकित्सा, नेत्र बस्ती, कटिबस्ती, और नस्य के उपयोग के बारे में भी जानकारी साझा की। वहीं फिजियोथेरेपी के सहभागियों ने कहा कि यह एक विशेष सुविधा प्रदान करेगा जो अत्यधिक तनाव और दर्द को कम करने, संतुलन और शांति को बढ़ाने और शारीरिक व मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए उपयुक्त है। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डे, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, आयुर्वेदिक हर्बो वेड फाउंडेशन, हरिद्वार के डॉ. विनोद उपाध्याय के अलावा राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।