हल्द्वानी। अब्दुल मलिक पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस के बाद अब नगर निगम हरकत में आ गया है। मलिक को मुख्य आरोपी बताते हुए 2.44 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है। 15 फरवरी तक पैसा जमा करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर विधि के अनुसार वसूली की जाएगी। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने अब्दुल मलिक को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि निगम के स्वामित्व वाली जमीन से अवैध धार्मिक स्थल हटाने के लिए कहा गया था। मलिक ने ऐसा नहीं किया। आठ फरवरी को अवैध निर्माण को ध्वस्त कर जब निगम की टीम, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस टीम लौट रही थी तो मलिक के समर्थकों ने टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि 11 वाहन, दो ट्रॉली, किराये पर ली गई दो जेसीबी को पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। इन्हें आग लगा दी। इसके अलावा घन, सब्बल, गैंती, फावड़ा, हैलमेट भी चोरी हो गया। इसकी लागत 2.44 करोड़ रुपया है। बता दें कि नगर आयुक्त के पास राजस्व की भांति वसूली करने, संपत्ति को कुर्क करने के अधिकार होते हैं। सूत्रों के अनुसार निगम पैसा जमा नहीं करने पर मलिक की संपत्ति सीज कर सकता है। उपद्रव का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस टीमों ने दिल्ली और बरेली में डेरा डाल रखा है। मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है।
मलिक का बगीचा में नजूल भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मदरसा और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने ही किया था। जांच के लिए कुछ दिन पहले नगर निगम की एक टीम जब मौके पर पहुंची तो अब्दुल मलिक की अधिकारियों से बहस भी हुई थी। पुलिस और अन्य सूत्र उसे मास्टरमाइंड मानकर चल रहे हैं।