कौन से बड़े और कड़े फैसले ले सकती है एनडीए सरकार
देहरादून, 09 जून। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत देश के प्रधानमंत्री बन गये हैं। श्री मोदी ने पंडित नेहरू के लगातार तीन बार पीएम पद की शपथ लेने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली हैं। देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेताओं की सूची में नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सबसे ज्यादा 16 वर्ष, 9 महीने, 13 दिनों तक प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। जवाहर लाल नेहरू ने लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली। पंडित नेहरू 1947 से 1964 तक करीब 17 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 16 वर्ष, 9 महीने, 13 दिनों तक प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए 27 मई, 1964 को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। चार बार देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा ने 1966 से 1977 तक लगातार तीन कार्यकालों तक देश की सत्ता संभाली थी। 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद इंदिरा पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। 1967 में हुए चुनाव में जीत दर्ज करके उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद 1971 के चुनाव में जीत दर्ज करके इंदिरा ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इंदिरा ने 1975 में आपातकाल लगाया। इसके चलते जो कार्यकाल 1976 में खत्म हो सकता था वह 1977 में आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा। उनका चौथा और अंतिम कार्यकाल 1980 से 1984 तक था। 31 अक्तूबर 1984 को इंदिरा की उनके घर के बाहर उनके दो अंगरक्षकों ने हत्या कर दी। इस तरह से इंदिरा 15 वर्ष, 11 महीने और 22 दिनों तक देश की प्रधानमंत्री रहीं।
राष्ट्रपति भवन का प्रांगण तीसरी बार मोदी के शपथ ग्रहण का साक्षी बना। श्री मोदी लगातार कहते रहे हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा। पिछले 10 साल का कार्य तो सिर्फ ट्रेलर है। आखिर एनडीए सरकार कौन से बड़े और कड़े फैसले ले सकती है? मोदी के दूसरे कार्यकाल में जम्मू कश्मीर से धारा 370 का हटाना, राम मंदिर का निर्माण, नागरिकता अधिनियम कानून का लागू होना बड़े फैसलों के रूप में गिना जाता है। ऐसे में लोगों के मन भी सवाल है कि आखिर इस बार एनडीए सरकार कौन से बड़े और कड़े फैसले ले सकती है?
आखिर किन क्षेत्रों में बड़े निर्णय हो सकते हैं?
एक देश एक चुनाव :- लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के घोषणा पत्र में एक देश एक चुनाव का वादा किया गया है। नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता इसे लागू करने की वकालत कर रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। दरअसल, एक देश एक चुनाव की बहस 2018 में विधि आयोग के एक मसौदा रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी। उस रिपोर्ट में आर्थिक वजहों को गिनाया गया था। आयोग का कहना था कि 2014 में लोकसभा चुनावों का खर्च और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों का खर्च लगभग समान रहा है। वहीं, साथ-साथ चुनाव होने पर यह खर्च 50:50 के अनुपात में बंट जाएगा।
फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट भी राष्ट्रपति को सौंप दी है। अब तीसरे कार्यकाल में एनडीए सरकार इसे लागू करने पर जोर दे सकती है। एनडीए सरकार में प्रमुख दल बन चुकी जदयू ने भी इस पर अपना समर्थन जताया है।
सामान नागरिक संहिता :- देशभर में सबके लिए एक सामान कानून करना भाजपा के एजेंडे में रहा है। पार्टी ने 2024 के घोषणापत्र में इस विषय को रखा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने 2022 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाया था और चुनाव जीतने के बाद इसे लागू भी कर दिया। अब भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के तीसरे कार्यकाल में सामान नागरिक संहिता को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए सहयोगी दलों का समर्थन जुटाना बड़ी चुनौती होगी। यूसीसी के मामले में जदयू ने भी कहा है कि इसमें सबकी राय जरूरी है।
विदेश नीति में यूएएनएसी की स्थायी सदस्यता पर जोर :- नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में भारत की वैश्विक नेता के रूप में स्थिति को मजबूत करने पर जोर देते रहे हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी की विदेश नीति के लक्ष्य होंगे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की लंबे समय से प्रतीक्षित स्थायी सदस्यता को साकार करना। विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार यूएनएससी की सदस्यता पर जोर देगी, लेकिन इस प्रयास में संयुक्त राष्ट्र में सुधार भी शामिल है। यूएनएससी में सुधार करना एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि स्थायी सदस्य चीन अक्सर भारत को इसमें शामिल करने का विरोध करता आया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत का विस्तार :- तीसरे कार्यकाल में केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को बड़े आकार में देखा जा सकता है। नरेंद्र मोदी चुनावी कार्यक्रमों में यह कहते रहे हैं कि तीसरे कार्यकाल में बड़े फैसलों के लिए ‘मोदी की गारंटी’ पूरी की जाएगी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने भविष्य के लिए अपने विजन को रेखांकित किया था। मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत प्रदान की जाने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सेवा तक अभूतपूर्व पहुंच पर जोर दिया। इसके अलावा भाजपा के 2024 के घोषणापत्र में आयुष्मान भारत के कवरेज को 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल करने के लिए आगे बढ़ाने का भी वादा किया गया है।