12/05/2025
न्यूज़ सर्विस
फरीदाबाद, 12 मई। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा
की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर विशेष कार्यक्रम जेआरसी और एसजेएबी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित
किया गया। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस नर्सों को उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देने का अवसर प्रदान करता है। नर्स
का अर्थ नर्सिंग विद अल्टीमेट रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सर्विंग एवरीवन है। नर्सिंग सेवा प्रारंभ करने वाली फ्लोरेंस
नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर वर्ष विश्व भर में नर्स दिवस बारह मई को मनाया जाता है। नर्स दिवस को मनाने का
प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने दिया था। जूनियर
रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि नर्सिंग को प्रारंभ करने वाली
फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 1974 में लिया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में धनी और निर्धन दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी है।
विकसित देश अपने यहाँ नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहाँ पर अच्छा
वेतन और सुविधाएं मिलती हैं इसलिए वे विकसित देशों में अधिक संख्या में कार्यरत हैं विकासशील देशों में नर्सोंं को
अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता जिस से वे
विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती हैं। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक कार्य करना
पडता है और उनको सभी सुविधाएँ नहीं दी जाती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सरकारी
चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में नर्सों की कमी को ध्यान में रखते हुए विवाहित महिलाओं को भी नर्सिंग
पाठयक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है। नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य व्यवसाय के रूप में माना जाता है।
नर्स को शारीरिक ही नहीं मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से
प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। नर्सिस से रोगियों के मनोबल को बढ़ाने वाली और उनकी बीमारी को
नियंत्रित करने में मित्रवत, सहायक और स्नेहशील होने की आशा की जाती है। हर वर्ष आज ही के दिन राष्ट्रीय फ्लोरेंस
नाइटिंगेल पुरस्कार दिया जाता है। इसे उन्नीस सौ तेहत्तर में भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने प्रारंभ
किया था पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान की जाती है। अब तक लगभग दो सौ पचास नर्सों को
इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार हर वर्ष देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल
पुरस्कार में पचास हज़ार रुपए, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है। इस अवसर पर सी.पी.आर. कार्डियोपलमनरी
रेसिसिटेशन जो कि जीवन रक्षण आपात कालीन चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य हृदय की धड़कन रुकने पर जीवन
को पुनः चालू करना है। दीपांजली शर्मा ने सत्र में मुख्य प्रशिक्षिका की भूमिका निभाते हुए सी.पी.आर. की प्रक्रिया को
सरल और प्रभावशाली तरीके से विद्यार्थियों को समझाया। उन्होंने लाइव डेमो के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को स्टेप बाय
स्टेप दिखाया—छाती पर दबाव डालना, कृत्रिम श्वास देना और आपातकालीन स्थिति में क्या कदम उठाने चाहिए, यह
सब विस्तार से समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि आपातकाल में उचित मानसिकता और शांति बनाए
रखना कितनी महत्वपूर्ण है।
दीपांजली शर्मा की प्रस्तुति ने विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान दिया ही साथ ही उन का आत्मविश्वास भी बढ़ाया। बच्चों ने न
केवल सिद्धांत को समझा बल्कि खुद प्रैक्टिस करके सीखा कि कैसे वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में सी.पी.आर. कर
सकते हैं। उनकी निरंतर निगरानी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन से छात्रों को प्रत्येक कदम में सुधार करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य रवीन्द्र कुमार मनचंदा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से न
केवल उनकी शारीरिक क्षमता बल्कि मानसिक स्थिति भी मजबूत होती है। उन्होंने छात्रों से यह भी अनुरोध किया कि वे
इस तरह के प्रशिक्षणों में सक्रिय रूप से भाग लें और इसे अपने जीवन में उतारें ता कि वे समाज के लिए एक समझदार
नागरिक बन सकें। नर्स दिवस पर उन की निःस्वार्थ सेवाओं को वंदन करते हुए छात्राओं, प्राध्यापिका दीपांजलि गीता,
सुशीला, सरिता, ममता और प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया तथा आज के दिवस को
विशेष बताते हुए उन की प्रतिबद्धता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
फ्लोरेंस नाइटिंगेल को समर्पित है नर्स दिवस

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