आमजन को जलपात्रों की साप्ताहिक सफाई करने के लिए प्रेरित किया जाये, शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक साफ-सफाई, एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए-अविनाश।
मैनपुरी I- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु 01 अपै्रल से 30 अपै्रल तक आयोजित होने वाले संचारी रोग नियंत्रण एवं 10 अपै्रल से 30 अपै्रल तक आयोजित होने वाले दस्तक अभियान के सफल संचालन हेतु अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कहा कि सभी सम्बन्धित अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव की दिशा में कार्य करें, विगत् कुछ वर्षों में जनपद में डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुयी है, गत् वर्षों में जिन क्षेत्रों, ग्रामों, वार्डों में डेंगू के मरीज मिले हैं, उन क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरती जाये।
उन्होने जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी से कहा कि अभियान के दौरान वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को संचारी रोग से बचाव हेतु बरती जाने वाले सावधानियांे के बारे में जागरूक किया जाए, विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में कहीं भी जल-भराव की स्थिति न हो, विद्यालय परिसर, विद्यालय के बाहर की नालियों की प्रतिदिन सफाई हो, उसमें एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जाए, विद्यालय परिसर से जल निकासी के बेहतर प्रबंध किए जाएं, विद्यालय के छात्र-छात्राओं को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने, विद्यालय परिसर में स्थापित पानी की टंकियांे की सफाई करायी जाए, विद्यालय परिसर में मच्छर रोधी पौधे लगवाये जाए।
श्री सिंह ने कहा कि सतर्कता से वेक्टर जनित बीमारियों से बचा जा सकता है, डेंगू से घबराएं नहीं बल्कि जल पात्रों की साप्ताहिक सफाई करें, डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पैदा होता है और दिन में कटता है, इसलिए घर के जल पात्रों में पानी जमा न होने दें, पानी के बर्तन को ढककर रखें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, मच्छरदानी का प्रयोग करें, फ्रिज की ट्रे, कूलर, पानी की टंकी, गमलों की साप्ताहिक रूप से सफाई की जाये तो इस वेक्टर जनित बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है, पशु चिकित्साधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्र के पशुपालकों को पशु बाड़ों की सफाई करने के लिए जागरूक करें, पशु बाड़े यथा संभव आबादी से दूर बनाये जायें। उन्होने प्र. चिकित्साधिकारियों से कहा कि बी.एच.एन.डी. सत्र प्रत्येक दशा में निर्धारित दिवस को आयोजित हों, कोई भी लक्षित बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे, प्रत्येक बच्चे का शत-प्रतिशत टीकाकरण कर उसे प्रतिरक्षित किया जाये, दस्तक अभियान के दौरान आशा, ए.एन.एम. घर-घर जाकर जानकारी करे, बुखार से पीड़ित, क्षय रोग के लक्षण, कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करें।
मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने कहा कि तत्काल कार्ययोजना बनाकर कार्ययोजना के तहत कार्य करें, तहसील, ब्लॉक, ग्राम स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाने हेतु जागरूक करें, वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल-भराव को रोकने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया जाये, माइक्रो प्लान बनाकर तत्काल फॉगिंग, एंटीलार्वा का छिड़काव कराएं, ग्रामीण क्षेत्रो में ऐसे स्थान जहां जल-भराव की स्थिति बनी रहती है, उन्हे चिन्हित कर सम्बन्धित खंड विकास अधिकारी जल निकासी के मुकम्मल इंतजाम करें, नाले-नालियों की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये, कहीं भी जल-भराव की स्थिति न रहे, सुनिश्चित किया जाये। उन्होने कहा कि कृतंक की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करें, शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक कृतंक, छछूंदर से फैलने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. मदन लाल, एस.के. श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी तुलसीराम, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी महेंद्र कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक अजय कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूर्य प्रताप, बाल विकास परियोजना अधिकारी हरिओम वाजपेई, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव राव बहादुर, ए.सी.एम.ओ. डॉ. बी.पी. सिंह., डीएमसी यूनिसेफ संजीव पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी एस.एन. सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र गौर सहित समस्त खंड विकास अधिकारी, प्र. चिकित्साधिकारी आदि उपस्थित रहे।