डीयू में जल्द शुरू होगी डा. बीआर अंबेडकर चेयर
दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद की 1018 वीं बैठक का आयोजन कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार, 12 जुलाई को विश्वविद्यालय के काउंसिल हॉल में किया गया। बैठक के आरंभ में कुलपति ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक के दौरान एजेंडे पर चर्चा से पहले ज़ीरो आवर के दौरान परिषद के सदस्यों ने अनेकों मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और अपने-अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किए। जीरो आवर के दौरान एक सदस्य द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर चेयर पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कुलपति की ओर से बताया गया कि यूजीसी को चेयर के लिए प्रपोजल भेजा गया है, वहां से अनुमति मिलते ही डॉ. बीआर अंबेडकर चेयर स्थापित कर दी जाएगी। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि डीयू में पहली बार यूजी लेवल पर रूसी प्रोग्राम शामिल किया गया है।
डीयू में यूजी लेवल पर पहली बार पढ़ाई जाएगी रूसी भाषा: प्रो. योगेश सिंह
अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान यूजीसीएफ़ 2022 के आधार पर कला संकाय के स्लावोनिक और फिनो-उग्रियन अध्ययन विभाग के तहत बीए (ऑनर्स) में रूसी प्रोग्राम को भी मंजूरी प्रदान की गई। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि डीयू में पहली बार यूजी लेवल पर रूसी प्रोग्राम शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले पीजी में यह पढ़ाया जाता था। एसी की बैठक के दौरान इस संबंध में कला संकाय द्वारा की गई सिफारिशों को मामूली संशोधनों के साथ स्वीकार करते हुए कोर्स पाठ्यक्रम को पारित कर दिया गया। इस प्रोग्राम को शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से लागू किया जाएगा।
दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि सभी कॉलेजों को 31 जुलाई 2024 तक रिक्तियों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने बारे कहा जाएगा। अकादमिक परिषद से आए एक सुझाव पर संज्ञान लेते हुए कुलपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की वरीयता को लेकर गठित कमेटी में अकादमिक परिषद से 3 सदस्य नामांकित करने को भी मंजूरी प्रदान की। बैठक के आरंभ में डीयू कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने पिछली बैठक के मिनट्स पुष्टिकरण के लिए अकादमिक परिषद के समक्ष रखे और 1016वीं और 1017वीं बैठक में लिए गए निर्णयों पर ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ को अकादमिक परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया। बैठक के दौरान अकादमिक परिषद की स्टैंडिंग कमेटी की 25 जून, 2024 को आयोजित हुई बैठक की सिफारिशों पर विचार करते हुए विभिन्न विभागों एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों, शिक्षण पद्धति और मूल्यांकन में उपयुक्त संशोधन को स्वीकार किया गया।
एमएससी फोरेंसिक साइंस के विद्यार्थी कर सकेंगे पुलिस स्टेशन के माध्यम से अपराध स्थल का दौरा
एमएससी फोरेंसिक साइंस के चौथे सेमेस्टर की पाठ्यक्रम सामग्री में परिवर्तन के संबंध में मानव विज्ञान विभाग की सिफारिशों को भी अकादमिक परिषद द्वारा स्वीकार किया गया। इसके तहत अपराध स्थल/न्यायालय कक्ष/एफएसएल/(यूपीसी-221511403) का दौरा के स्थान पर अब पुलिस स्टेशन के माध्यम से अपराध स्थल का दौरा (यूपीसी-221511403) को पाठ्यक्रम सामग्री में शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट रिपोर्ट (UPC221511402) के स्थान पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट ऑन कोर्ट रूम एंड केस एथनोग्राफी (UPC-221511402) शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रेनिंग (UPC-221511404) के स्थान पर ट्रेनिंग इन फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्रीज़ (UPC-221511404) पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा।
डीयू विद्यार्थियों के एक साथ दो डिग्रियां करने के प्रावधान पर लगी मुहर
अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के प्रावधान की प्रयोज्यता पर भी विचार करने के उपरांत उसे पारित कर दिया गया। इसके तहत एक डिग्री विश्वविद्यालय के कॉलेजों/विभागों में नियमित मोड में तथा दूसरी डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग में ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड में की जा सकती है। प्रारंभिक चरण में विश्वविद्यालय प्रणाली के अंदर इस प्रावधान को लागू करने के पश्चात उसके अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बाद में इस प्रावधान के सार्वभौमिकरण पर भी विचार किया जा सकता है। एक साथ दो कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों में विभिन्न नियम और शर्तें शामिल होंगी जो इस निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक हैं।
संस्कृत विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को मिलेगी समकक्षता
दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा प्रस्तावित किसी भी क्षेत्र/विशेषज्ञता के अनुरूप केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय आदि द्वारा प्रदान की गई डिग्रियों को अनुसंधान और रोजगार के उद्देश्य से दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई डिग्री के समकक्ष मानने पर भी बैठक के दौरान विचार किया गया। इसके तहत शास्त्री को बी.ए., सम्मानित शास्त्री को बी.ए. (ऑनर्स) (चतुर्थ वर्ष यूजी), आचार्य को एम.ए., शिक्षा शास्त्री को बी.एड., शिक्षा आचार्य को एम.एड., विद्या वारिधि को पीएचडी और वाचस्पति को डी.लिट. के समकक्ष माने को भी अनुमोदित कर दिया गया।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय का संस्कृत विभाग पीजी विद्यार्थियों के लिए वैदिक वांगमय (वेद, उपनिषद आदि), दर्शन (योग, न्याय, वेदांत आदि), साहित्य शाख, संस्कृत भाषा और व्याकरण, धर्म शास्त्र, लिपि शास्त्र, आधुनिक संस्कृत साहित्य शाख, इतिहास और पुराण एवं ज्योतिष आदि वैकल्पिक पाठ्यक्रम/विशेषज्ञताएं प्रदान कर रहा है। संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा इन शोध पत्रों में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत के परास्नातक कार्यक्रम के समतुल्य माना जाएगा। इसी प्रकार, संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एमए में ज्योतिष शास्त्र के समतुल्य माना जाएगा।