मैनपुरी – जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने विकासखंड घिरोर के निरीक्षण के दौरान उपस्थित ग्राम पंचायत सचिव, सहायक विकास अधिकारियों, खंड विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत में राज्य वित्त, 15वें वित्त की धनराशि से कराये जा रहे निर्माण कार्यों के गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, ईंट, सरिया, सीमेंट, बालू का प्रयोग मानक के अनुसार हो, ओ.डी.एफ. प्लस ग्रामों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाए, शासन द्वारा ग्रामों के विकास के लिए उपलब्ध कराई जा रही धनराशि का किसी भी स्तर पर दुरुपयोग न हो, विकास कार्य धरातल पर दिखे, ग्राम साफ-सुथरे हों, ग्रामों में सभी मूल-भूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए, खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित विकास विभाग के अन्य अधिकारी निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिले, पात्रों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाए, किसी भी अपात्र व्यक्ति को किसी भी दशा में लाभान्वित न किया जाए, कोई भी पात्र व्यक्ति पेंशन, आवास योजना का लाभ पाने से वंचित न रहे।
श्री सिंह ने सचेत करते हुए कहा कि संचालित गौशालाओं में पर्याप्त मात्रा में भूसा-चारा उपलब्ध रहे, संरक्षित गोवंशों की बेहतर देखभाल की जाए, संरक्षित गौवंशों की पशु चिकित्साधिकारी प्रतिदिन देखभाल करें, केयर टेकर रात्रि में गौशाला में ही प्रवास करें, गौशालाओं की देख-रेख हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूह को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक शौचालय क्रियाशील रहे, वहां सफाई के विशेष प्रबंध किए जाएं ताकि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके, मनरेगा से खेल के मैदानों को विकसित कराया जाए और उन्हें गांव के युवक मंगल दल, महिला मंगल दल को देख-रेख के लिए जिम्मेदारी सौंपी जाए।
उन्होंने मनरेगा सेल के निरीक्षण के दौरान 05 सबसे अधिक धनराशि व्यय करने वाली ग्राम पंचायत की जानकारी करने पर पाया कि देवपुरा, लपगवां, नगला कंचन, कल्होर पछां, हिम्मतपुर में सर्वाधिक धनराशि व्यय की गई है, चितई महानंदपुर में रू. 01 लाख 84 हजार सामग्री पर व्यय किया गया है जबकि ग्राम पंचायत नगला पुनू में मात्र रू. 13 हजार व्यय हुआ है जबकि इस ग्राम पंचायत का लेबर बजट 15 लाख 37 हजार है, जिस पर उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुये संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव राजवीर सिंह को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने विकासखंड में उपलब्ध 15-वें वित्त की धनराशि की जानकारी करने पर पाया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 01 करोड़ 58 लाख की धनराशि अवमुक्त हुई, जिससे ग्राम पंचायत में नाला, नाली, सीसी रोड निर्माण आदि कार्य कराए गए। उन्होंने पटल सहायकों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अभिलेख अद्यावधिक रखें, कार्मिकों की व्यक्तिगत पत्रावलियां, सेवा पुस्तिकाओं में सभी प्रविष्टियां समय से अंकित कर सत्यापित करायीं जाए।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार, डी.सी. एन.आर.एल.एम. शौकत अली, परियोजना निदेशक श्वेतांक पांडेय, जिला पंचायत राज अधिकारी तुलसी राम, खंड विकास अधिकारी घिरोर अवधेश यादव आदि उपस्थित रहे।