ऋषिकेश, 14 जुलाई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती को विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के सुपुत्र अनंत अंबानी और वधू राधिका मर्चेंट के शुभ विवाह में विशेष रूप से आंमत्रित किया गया। 12 जुलाई को मुंबई जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के पारंपरिक हिंदू वैदिक समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश विदेश की विशिष्ट विभूतियों, गणमान्य अतिथियों, पूज्य शंकराचार्य, पूज्य संत, बालीवुड, हॉलीवुड और विश्व स्तर के बिजनेसमैन की दिव्य उपस्थिति में दिव्य, भव्य, अद्भुत व अलौकिक विवाह समारोह सम्पन्न हुआ। 13 जुलाई को ‘शुभ आशीर्वाद’समारोह और 14 जुलाई को ‘मंगल उत्सव’बड़े ही दिव्य, भव्य, सनातन संस्कृति व भारतीय संस्कार पद्धति से सम्पन्न हुये।
अनंत अंबानी व राधिका मर्चेंट के शुभविवाह के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से दिव्य भेंटवार्ता हुई। स्वामी जी ने श्री मोदी जी को पुष्प हार पहनाकर उनका अभिनन्दन किया। माननीय मोदी जी ने बड़ी ही विनम्रता से स्वामी जी का अभिनन्दन स्वीकार करते हुये उन्हें प्रणाम किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अनंत अंबानी व राधिका मर्चेंट को उनके शुभविवाह के अवसर पर आशीर्वाद देते हुये कहा कि ऐसा दिव्य, भव्य व वैभवशाली आयोजन दुनिया की कोई भी इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी नहीं कर सकती यह तो सिर्फ श्री मुकेश जी व नीता जी जैसे उदारमना व सनातन संस्कृति को समर्पित व्यक्तित्व ही कर सकते हैं। यह आयोजन दिव्य आत्माओं के मैनेजमैंट से ही मेनेज हो सकता हैं।
स्वामी जी ने कहा कि अनंत व राधिका के विवाह समारोह में एक ओर पूज्य शंकराचार्य जी का सनातन संस्कृति व मर्यादा के अनुरूप पूजन वहीं दूसरी ओर पूज्य संतों का दिव्य अभिनन्दन। पूरा अंबानी परिवार सहृदयता से अपने अतिथियों के अभिनंदन हेतु समर्पित था। शुभविवाह में ऐसा वातावरण था मानों वैकुण्ठ स्वयं धरती पर उतर आया हो। विवाह के दौरान संस्कारों का दर्शन, संस्कृति का दर्शन, सनातन का दर्शन, सब कुछ बड़ा ही दिव्य व भव्य था। साथ ही पूरे अंबानी परिवार की सरलता, सात्विकता और सहजता सब कुछ हृदय को छु जाने वाला था।
स्वामी जी ने कहा कि अनंत व राधिका के जयमाल के समय श्री मुकेश अंबानी जी ने पांरम्परिक विवाह पद्धति, सनातन संस्कृति व भारतीय दर्शन की जो व्याख्या की वह अवर्णनीय थी। वास्तव में यह विवाह भारतीय मर्यादा, संस्कृति, संस्कार व दर्शन की युगों-युगों तक आने वाली पीढ़ियों के लिये एक आदर्श स्थापित करेगा। वैभवशाली होना एक बात है परन्तु उस वैभव के अपने देश व संस्कृति के अनुरूप पूरी दुनिया को दर्शन करना केवल संस्कृति को समर्पित व्यक्तित्व की कर सकते हैं। स्वामी जी ने वर अनंत और वधू राधिका को पुष्पहार पहनाकर उन्हें स्वस्थ, सुखी, समृद्ध व प्रेममय दाम्पत्य जीवन का आशीर्वाद दिया।