डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में अंतराष्ट्रीय क्लिनिकल परीक्षण दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने नैदानिक अनुसंधान की अखंडता और नैतिक आचरण को बनाए रखने के लिए आवश्यक सिद्धांत और सर्वाेत्तम अभ्यास पर चर्चा की।
बीसी रॉय सभागार में एसआरएचयू के क्लिनिकल ट्रायल सेंटर की ओर से आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कार्यकारी निदेशक इनक्लाइन ट्रस्ट इंटरनेशनल के डॉ. एनके अरोड़ा ने क्लिनिकल ट्रायल में गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस के प्रमुख सिद्धांतों के बारे में बताया। उन्होंने नैतिक आचरण, रोगी सुरक्षा और डेटा अखंडता के महत्व पर जोर देते हुए उन मूलभूत सिद्धांतों को रेखांकित किया जो गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस अनुपालन के आधार के रूप में कार्य करते हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अशोक कुमार देवराड़ी ने चिकित्सा ज्ञान को आगे बढ़ाने और रोगी की देखभाल में सुधार के लिए नैदानिक परीक्षणों के महत्व को समझाया। हिमालयन अस्पताल के निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. हेमचंद्र पांडे ने रोगी सुरक्षा के लिए नैदानिक परीक्षणों में अनुसंधान प्रतिभागियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सिद्धांतों को स्पष्ट किया।
डॉ.डीसी धस्माना ने गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस के बारे में लोगों को इसके मूल सिद्धांतों और वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में अनुप्रयोग की जानकारी दी। इस दौरान एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल और और महानिदेशक (शैक्षणिक विकास) डॉ. विजेंद्र चौहान ने क्लिनिकल परीक्षण करने में कड़ी मेहनत करने वाले चिकित्सकों डॉ एसके वर्मा, डॉ कुणाल गुरुरानी, डॉ अंकित बत्रा, डॉ. आवृत्ति बवेजा, डॉ. आकाश रावत को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर क्लिनिकल ट्रायल कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. बिन्दू डे ने भी अपने विचार रखे। समन्वयक डॉ. निक्कू यादव ने बताया कि कार्यशाला में 90 प्रतिभागी शामिल हुए।
इस अवसर डॉ. संचिता पुगाजंडी, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. आशा चंदोला, डॉ. नूपुर जोशी, डॉ. विकाश जादोन, डॉ. गीता भंडारी, डॉ. तरूणा शर्मा, डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. रुचि जुयाल, डॉ. दीपशिखा, अभिनव बहुगुणा, डॉ. आभा श्रीवास्तव, डॉ. दीपा सिंह, डॉ. अक्ष दुबे, डॉ. राजीव बिजल्वाण उपस्थित रहे।